नागरिकता संशोधन क़ानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर मेंगलुरु में कर्नाटक पुलिस को गुरुवार को उस वक़्त गोली चलानी पड़ी जब एक उग्र भीड़ ने कथित तौर पर पुलिस थाने को आग के हवाले कर दिया.
हालांकि इस घटना और बेंगलुरु में जाने-माने इतिहासकार रामचंद्र गुहा समेत 250 लोगों की गिरफ़्तारी को छोड़ दें तो राज्य में विरोध-प्रदर्शन लगभग शांतिपूर्ण रहे.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने शांति की अपील तो की लेकिन उनके गृह मंत्री बासवराज बोम्मई ने कथित तौर पर कहा, "मेंगलुरु हिंसा के पीछे एक बहुत बड़ी साज़िश है. पड़ोसी राज्य केरल से कुछ लोगों ने शहर में दाखिल होकर लोगों को हिंसा के लिए उकसाया."
हालांकि बेंगलुरु और कर्नाटक के दूसरे शहरों में सैंकड़ों प्रदर्शनकारियों ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया. येदियुरप्पा के एक बयान के बाद पुलिस ने भी थोड़ी नरमी दिखाई.
जाने-माने इतिहासकार रामचंद्र गुहा की गिरफ़्तारी के वीडियो के वायरल होने के बाद येदियुरप्पा ने कहा कि पुलिस को शरारती तत्वों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करनी चाहिए न कि आम लोगों के ख़िलाफ़.
हिरासत में लिए जाते वक़्त रामचंद्र गुहा एक रिपोर्टर से महात्मा गांधी की प्रासंगिकता पर बात कर रहे थे. लेकिन एक पुलिसवाले ने उन्हें धक्का देकर थाने जाने वाली बस में बिठा दिया.
बीबीसी से बातचीत में वो केवल इतना ही कह पाए कि पुलिस वैन में मुझे कहीं ले जाया जा रहा है."
हिरासत में लिए जाने के चार घंटे बाद उन्हें रिहा कर दिया गया. उनके साथ बाक़ी क़रीब 250 लोग भी छोड़ दिए गए.
इसका एक आश्चर्यजनक पहलू ये भी रहा कि टाउन हॉल के बाहर प्रदर्शनकारियों को इकट्ठा होने की छूट दी गई.
गुहा के हिरासत में लिए जाने के बाद येदियुरप्पा ने संवाददाताओं से कहा, "क़ानून व्यवस्था में खलल डाल रहे शरारती तत्वों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जानी चाहिए और आम लोगों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए. अगर ऐसा कहीं होता है तो ज़िम्मेदार अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी."
इस बयान के बाद ही पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिए जाने का काम रोक दिया और उन्हें प्रदर्शनकारियों को टाउन हॉल की दूसरी तरफ़ इकट्ठा होने की छूट दे दी.
हालांकि बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को जब वहां से हटने के लिए कहा तो वे अड़ गए कि जब तक गिरफ़्तार लोगों को रिहा नहीं किया जाएगा, वे नहीं हटेंगे.
बाद में कुछ वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की अपील के बाद प्रदर्शनकारी भीड़ वहां हट गए.
सुबह 11 बजे शुरू हुआ ये विरोध प्रदर्शन तकरीबन छह घंटे तक पूरे ज़ोर-शोर से चला.
एक वकील ने प्रेस से कहा, "सात पुलिस थानों में से पाँच से हिरासत में लिए गए लोग रिहा किए जा रहे हैं. दूसरे थानों में भी ये प्रक्रिया जल्द ही पूरी कर ली जाएगी."
टाउन हॉल के पास से प्रदर्शनकारियों को हटने में घंटे भर लगे.
लेकिन मेंगलुरु और गुलबर्गा जैसी तटीय शहरों में विरोध प्रदर्शन उतने शांतिपूर्ण नहीं रहे.
मेंगलुरु में प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज किया गया. गुलबर्गा में भी निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर रहे प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार किया गया.
सामाजिक कार्यकर्ता लियो सलदानहा ने बीबीसी से कहा कि राज्य में पिछले दो तीन दिनों में प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे हैं और निषेधाज्ञा की कोई ज़रूरत नहीं थी.
नागरिकता संशोधन क़ानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर मेंगलुरु में कर्नाटक पुलिस को गुरुवार को उस वक़्त गोली चलानी पड़ी जब एक उग्र भीड़ ने कथित तौर पर पुलिस थाने को आग के हवाले कर दिया.
हालांकि इस घटना और बेंगलुरु में जाने-माने इतिहासकार रामचंद्र गुहा समेत 250 लोगों की गिरफ़्तारी को छोड़ दें तो राज्य में विरोध-प्रदर्शन लगभग शांतिपूर्ण रहे.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने शांति की अपील तो की लेकिन उनके गृह मंत्री बासवराज बोम्मई ने कथित तौर पर कहा, "मेंगलुरु हिंसा के पीछे एक बहुत बड़ी साज़िश है. पड़ोसी राज्य केरल से कुछ लोगों ने शहर में दाखिल होकर लोगों को हिंसा के लिए उकसाया."
हालांकि बेंगलुरु और कर्नाटक के दूसरे शहरों में सैंकड़ों प्रदर्शनकारियों ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया. येदियुरप्पा के एक बयान के बाद पुलिस ने भी थोड़ी नरमी दिखाई.
जाने-माने इतिहासकार रामचंद्र गुहा की गिरफ़्तारी के वीडियो के वायरल होने के बाद येदियुरप्पा ने कहा कि पुलिस को शरारती तत्वों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करनी चाहिए न कि आम लोगों के ख़िलाफ़.
हिरासत में लिए जाते वक़्त रामचंद्र गुहा एक रिपोर्टर से महात्मा गांधी की प्रासंगिकता पर बात कर रहे थे. लेकिन एक पुलिसवाले ने उन्हें धक्का देकर थाने जाने वाली बस में बिठा दिया.
बीबीसी से बातचीत में वो केवल इतना ही कह पाए कि पुलिस वैन में मुझे कहीं ले जाया जा रहा है."
हिरासत में लिए जाने के चार घंटे बाद उन्हें रिहा कर दिया गया. उनके साथ बाक़ी क़रीब 250 लोग भी छोड़ दिए गए.
इसका एक आश्चर्यजनक पहलू ये भी रहा कि टाउन हॉल के बाहर प्रदर्शनकारियों को इकट्ठा होने की छूट दी गई.
गुहा के हिरासत में लिए जाने के बाद येदियुरप्पा ने संवाददाताओं से कहा, "क़ानून व्यवस्था में खलल डाल रहे शरारती तत्वों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जानी चाहिए और आम लोगों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए. अगर ऐसा कहीं होता है तो ज़िम्मेदार अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी."
इस बयान के बाद ही पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिए जाने का काम रोक दिया और उन्हें प्रदर्शनकारियों को टाउन हॉल की दूसरी तरफ़ इकट्ठा होने की छूट दे दी.
हालांकि बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को जब वहां से हटने के लिए कहा तो वे अड़ गए कि जब तक गिरफ़्तार लोगों को रिहा नहीं किया जाएगा, वे नहीं हटेंगे.
बाद में कुछ वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की अपील के बाद प्रदर्शनकारी भीड़ वहां हट गए.
सुबह 11 बजे शुरू हुआ ये विरोध प्रदर्शन तकरीबन छह घंटे तक पूरे ज़ोर-शोर से चला.
एक वकील ने प्रेस से कहा, "सात पुलिस थानों में से पाँच से हिरासत में लिए गए लोग रिहा किए जा रहे हैं. दूसरे थानों में भी ये प्रक्रिया जल्द ही पूरी कर ली जाएगी."
टाउन हॉल के पास से प्रदर्शनकारियों को हटने में घंटे भर लगे.
लेकिन मेंगलुरु और गुलबर्गा जैसी तटीय शहरों में विरोध प्रदर्शन उतने शांतिपूर्ण नहीं रहे.
मेंगलुरु में प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज किया गया. गुलबर्गा में भी निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर रहे प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार किया गया.
सामाजिक कार्यकर्ता लियो सलदानहा ने बीबीसी से कहा कि राज्य में पिछले दो तीन दिनों में प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे हैं और निषेधाज्ञा की कोई ज़रूरत नहीं थी.
Friday, December 20, 2019
Thursday, December 5, 2019
USB CONDOM क्या है और इसका इस्तेमाल कब?
चलते-फिरते, आते-जाते, सोते-जागते हम मोबाइल का लगातार इस्तेमाल करने लगे हैं. आज मोबाइल से हमारा जीवन चल रहा है और मोबाइल बैटरी से.
जब कभी भी मोबाइल की बैटरी ख़त्म होती है, तो लगता है कि मानो ज़िंदगी ठहर गई.
आज हम पान, बीड़ी और सिगरेट तक खरीदने के लिए डिजिटल पेमेंट करने लगे हैं.
लिहाज़ा एयरपोर्ट, स्टेशनों, होटल, पब्लिक टॉयलेट, शॉपिंग सेंटर और अन्य जगहों पर मोबाइल चार्जिंग की सुविधा के लिए यूएसबी पोर्ट लगे होते हैं.
आप इससे अपना मोबाइल जोड़ते हैं और बैटरी चार्ज करने लगते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा करना कितना सुरक्षित है?
लेकिन क्या आपने सोचा है कि मोबाइल चार्जर ना ले जाने के झंझट से मुक्ति और फायदेमंद लगने वाले ये यूएसबी पोर्ट हमारी निजता के लिए कितना बड़ा ख़तरा हैं.
सार्वजनिक जगहों पर बड़े पैमाने में उपलब्ध इन यूएसबी पोर्ट का इस्तेमाल साइबर अपराधी हमारे सबसे संवेदनशील डेटा को चुराने के लिए कर सकते हैं.
इससे बचने के लिए बाज़ार में कथित यूएसबी डेटा ब्लॉकर्स लाए गए हैं, जिन्हें "यूएसबी कंडोम" का नाम दिया गया है.
ये "कंडोम" वास्तविक कंडोम की तरह लेटेक्स नहीं होते हैं, लेकिन यह आपको सामान रूप से सुरक्षा प्रदान करते हैं. यह आपको 'जूस जैकिंग' से बचाते हैं.
'जूस जैकिंग' एक तरह का साइबर अटैक है, जिसमें सार्वजनिक यूएसबी पोर्ट के ज़रिए आपके मोबाइल को संक्रमित किया जाता है और आपके मोबाइल में मालवेयर इंस्टॉल कर दिया जाता है, जो आपकी निजी जानकारी को साइबर अपराधी तक पहुंचाने में सक्षम होते हैं.
इस बारे में नवंबर के शुरुआती सप्ताह में ल्यूक सिसक ने चेतावनी दी थी. ल्यूक अमरीक में लॉस एंजिल्स काउंटी के अभियोजक के कार्यालाय में सहायक हैं.
'यूएसबी कंडोम' छोटे यूएसबी एडॉप्टर की तरह होते हैं, जिनमें इनपुट और आउटपुट पोर्ट होते हैं. यह एडॉप्टर मोबाइल को पावर सप्लाई तो करता है लेकिन डेटा एक्सचेंज को पूरी तरह रोक देता है.
'यूएसबी कंडोम' अमरीकी बाज़ारों में 10 डॉलर में उपलब्ध हैं और यह इतना छोटा होता है कि आप इसे कहीं भी ले जा सकते हैं.
भारत में यह 500 से 1000 रुपए में ऑनलाइन उपलब्ध है.
ल्यूक के अनुसार इस तरह के साइबर हमले के परिणाण "विनाशकारी" हो सकते हैं.
वो चेतावनी देते हुए कहते हैं, "एक फ्री बैटरी चार्जिंग आपके बैंक खाते को खाली कर सकता है. अगर साइबर क्रिमिनल मालवेयर इंस्टॉल कर देते हैं तो ये आपके फोन ब्लॉक कर सकते हैं और पासपोर्ट और घर के पते जैसी संवेदनशील जानकारियां चुरा सकते हैं."
आईबीएम की साइबर सिक्योरिटी रिपोर्ट के अनुसार "मालवेयर कंप्यूटिंग पावर को हाईजैक कर सकते हैं और आपका मोबाइल धीमा काम करने लगेगा."
रिपोर्ट में संवेदनशील डेटा चोरी होने के ख़तरों पर भी बात की गई है. साइबर विशेषज्ञ भी लोगों को 'यूएसबी कंडोम' का इस्तेमाल की सलाह देते हैं.
जब कभी भी मोबाइल की बैटरी ख़त्म होती है, तो लगता है कि मानो ज़िंदगी ठहर गई.
आज हम पान, बीड़ी और सिगरेट तक खरीदने के लिए डिजिटल पेमेंट करने लगे हैं.
लिहाज़ा एयरपोर्ट, स्टेशनों, होटल, पब्लिक टॉयलेट, शॉपिंग सेंटर और अन्य जगहों पर मोबाइल चार्जिंग की सुविधा के लिए यूएसबी पोर्ट लगे होते हैं.
आप इससे अपना मोबाइल जोड़ते हैं और बैटरी चार्ज करने लगते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा करना कितना सुरक्षित है?
लेकिन क्या आपने सोचा है कि मोबाइल चार्जर ना ले जाने के झंझट से मुक्ति और फायदेमंद लगने वाले ये यूएसबी पोर्ट हमारी निजता के लिए कितना बड़ा ख़तरा हैं.
सार्वजनिक जगहों पर बड़े पैमाने में उपलब्ध इन यूएसबी पोर्ट का इस्तेमाल साइबर अपराधी हमारे सबसे संवेदनशील डेटा को चुराने के लिए कर सकते हैं.
इससे बचने के लिए बाज़ार में कथित यूएसबी डेटा ब्लॉकर्स लाए गए हैं, जिन्हें "यूएसबी कंडोम" का नाम दिया गया है.
ये "कंडोम" वास्तविक कंडोम की तरह लेटेक्स नहीं होते हैं, लेकिन यह आपको सामान रूप से सुरक्षा प्रदान करते हैं. यह आपको 'जूस जैकिंग' से बचाते हैं.
'जूस जैकिंग' एक तरह का साइबर अटैक है, जिसमें सार्वजनिक यूएसबी पोर्ट के ज़रिए आपके मोबाइल को संक्रमित किया जाता है और आपके मोबाइल में मालवेयर इंस्टॉल कर दिया जाता है, जो आपकी निजी जानकारी को साइबर अपराधी तक पहुंचाने में सक्षम होते हैं.
इस बारे में नवंबर के शुरुआती सप्ताह में ल्यूक सिसक ने चेतावनी दी थी. ल्यूक अमरीक में लॉस एंजिल्स काउंटी के अभियोजक के कार्यालाय में सहायक हैं.
'यूएसबी कंडोम' छोटे यूएसबी एडॉप्टर की तरह होते हैं, जिनमें इनपुट और आउटपुट पोर्ट होते हैं. यह एडॉप्टर मोबाइल को पावर सप्लाई तो करता है लेकिन डेटा एक्सचेंज को पूरी तरह रोक देता है.
'यूएसबी कंडोम' अमरीकी बाज़ारों में 10 डॉलर में उपलब्ध हैं और यह इतना छोटा होता है कि आप इसे कहीं भी ले जा सकते हैं.
भारत में यह 500 से 1000 रुपए में ऑनलाइन उपलब्ध है.
ल्यूक के अनुसार इस तरह के साइबर हमले के परिणाण "विनाशकारी" हो सकते हैं.
वो चेतावनी देते हुए कहते हैं, "एक फ्री बैटरी चार्जिंग आपके बैंक खाते को खाली कर सकता है. अगर साइबर क्रिमिनल मालवेयर इंस्टॉल कर देते हैं तो ये आपके फोन ब्लॉक कर सकते हैं और पासपोर्ट और घर के पते जैसी संवेदनशील जानकारियां चुरा सकते हैं."
आईबीएम की साइबर सिक्योरिटी रिपोर्ट के अनुसार "मालवेयर कंप्यूटिंग पावर को हाईजैक कर सकते हैं और आपका मोबाइल धीमा काम करने लगेगा."
रिपोर्ट में संवेदनशील डेटा चोरी होने के ख़तरों पर भी बात की गई है. साइबर विशेषज्ञ भी लोगों को 'यूएसबी कंडोम' का इस्तेमाल की सलाह देते हैं.
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